माता वैष्णो देवी के पवित्र तीर्थ की यात्रा उन स्थानों की चमत्कारी यात्रा है, जहाँ माता वैष्णवी ने विभिन्न आध्यात्मिक विषयों और तपस्याओं
का पालन करते हुए कुछ समय बिताया था। इस यात्रा की परिणति पवित्र गुफा में है जहाँ उन्होंने अपने मानव रूप को अपने
तीनों मूल ऊर्जाओं के सूक्ष्म रूप के साथ मिला दिया।
माता वैष्णो देवी जी के पवित्र तीर्थ के दर्शन करने के लिए, आपको भारत के किसी भी हिस्से से जम्मू या कटरा स्टेशन या शहर तक पहुँचने की आवश्यकता है। जम्मू, जम्मू और कश्मीर राज्य की राजधानी है। कटरा शहर यात्रा के लिए आधार शिविर के रूप में कार्य करता है। यह वह बिंदु भी है जहाँ यात्री गण कुछ समय के लिए रुक जाते हैं और पवित्र तीर्थ के लिए आगे की तैयारी करते हैं।
जम्मू से कटरा स्टेशन (लगभग 50 किमी) के लिए 10-15 मिनट के अंतराल पर साधारण और लक्जरी बसें उपलब्ध हैं, या आप प्राइवेट टैक्सी या अपने व्हीकल्स से भी जम्मू से कटरा तक आया जा सकता है और ट्रेन से भी कटरा तक पहुंचा जा सकता है। आप जिस ट्रेन से जम्मू तक आयगें हो सकता है वो ट्रेन कटरा भी जाती हो तो आपके लिए बहुत अच्छी बात होगी।
कटरा शहर श्री माता वैष्णो देवी जी की पवित्र तीर्थ यात्रा का आधार शिविर है। ये समुद्र तल से लगभग 2500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ से लगभग 12 किलोमीटर का ट्रेक पवित्र तीर्थ यात्रा पर जाता है, जिसे भवन भी कहा जाता है।। कोई पैदल या घोड़ों / टट्टू पर या पालकी (पालकी या डोली) पर यह यात्रा कर सकता है। जबकि अधिकांश तीर्थयात्री पैदल जाना पसंद करते हैं।
श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए अब यात्रा पर्ची के जगह पर आधुनिक RFID कार्ड टैग दिया जाने लगा है, यात्रा के लिए ये कार्ड लेना सभी श्रद्धालुओ के लिए अनिवार्य होगा। RFID कार्ड के बगैर किसी भी श्रद्धालु को यात्रा करने नही दी जाएगी। जो लोग ऑनलाइन यात्रा पर्ची लेते है, वो जम्मू और कटरा में बनाए गए किसी भी RFID काउंटर में अपनी पर्ची दिखाकर कार्ड हासिल कर सकते है। RFID कार्ड कटरा रेलवे स्टेशन, कटरा बस स्टैंड से लिया जा सकता है। यात्रा पूरी करने के बाद कार्ड को मां वैष्णो देवी के प्रवेश द्वार दर्शन ड्योढ़ी या फिर नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटड़ा हेलीपैड या फिर श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर पंजीकरण केंद्र पर वापस करना होगा। आरएफआइडी कार्ड श्रद्धालुओं को निशुल्क मिलेगा।
RFID कार्ड लेने के लिए जगह जगह सेंटर बने हुए है, जैसे कि कटरा रेलवे स्टेशन, कटरा बस स्टैंड, हेलिपैड etc जहाँ लाइन में लग कर RFID कार्ड प्राप्त किया जा सकता है, आप अपने पास आधार कार्ड तैयार रखिए, जैसे ही आपका विंडो पर नंबर आएगा, आपसे आपका नाम और पिनकोड पुछा जायेगा, जहाँ से आप आये हुए है। लगभग 5 seconds तक आपको खड़ा रहने बोला जायेगा, आपकी photo ली जाएगी और फिर आपको कार्ड दे दिया जायेगा, 3 or 5 साल के ऊपर के बच्चे को भी कार्ड दिया जाता है, यात्रा के दौरान आपको अपने गले में ये कार्ड हैंग करके रखना होता है, जगह जगह पर इस RFID कार्ड की चेकिंग होती है। यात्रा पूरी होने के बाद वापसी में RFID Card जमा करना होता है जहाँ से आप यात्रा आरम्भ किये होते है।
आप बाणगंगा चेकपोस्ट, तारा कोटा मार्ग चेकपोस्ट, सरली हेलिपैड से यात्रा आरम्भ कर सकते है। बाणगंगा चेकपोस्ट और तारा कोटा मार्ग चेकपोस्ट पैदल रास्ते का मुख्य प्रवेश द्वार है। बाणगंगा चेकपोस्ट बस स्टैंड से लगभग 1-2 किलोमीटर दूर स्थित हैै, जिसे पैदल या ऑटो से भी जाया जा सकता है, ऑटो का फेयर 160 Rs के करीब है और 4 यात्री बैठ सकते है सामान के साथ ! बाणगंगा चेकपोस्ट को दर्शनी दरवाजा or Frisking Point भी बोला जाता है, दर्शनी दरवाजा इसलिए भी बोला जाता है क्यों की यहाँ से त्रिकुटा पर्वत का संपूर्ण दृश्य दिख जाता है, यहाँ पर आपका सामान स्कैन किया जाता है, जेंट्स और लेडीज के लिए अलग अलग लाइन होती है, स्कैन के बाद दूसरी तरफ जाकर अपने परिवार के साथ मिलकर यात्रा आरम्भ किया जाता है
वैष्णो देवी के दर्शन करने इस साल पहुंचे इतने श्रद्धालु, टूटा 10 सालों का रिकॉर्ड
हर साल लाखों लोग वैष्णो देवी के दर्शन करने जाते हैं. इस साल रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी के दर्शन किए.
बीते एक दशक में इस साल रिकॉर्ड 93.50 लाख श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी के दर्शन किए. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक,
इस साल सोमवार तक जम्मू के रियासी जिले में त्रिकुट
पहाड़ियों पर
बने वैष्णो देवी के मंदिर में 93.50 लाख लोगों ने देवी के दर्शन किए.
इससे पहले 2013 में सर्वाधिक 93.24 लाख श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी के दर्शन किए थे. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी
अंशुल गर्ग ने कहा कि
बीते दस सालों में इस बार सर्वाधिक 93.24 लाख तीर्थायात्री वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचे.
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